Saturday, 31 March 2012

सेलुलर जेल


सेलुलर जेल !
तुम इसलिए राष्ट्रीय स्मारक हो
कि नई पीढ़ी जान सके
तुम्हारी साढ़े चार मीटर लंबी और तीन मीटर चौड़ी
दड़बेनुमा 698 कोठरियों की दीवारों में
आज़ादी के अनेक दीवानों ने
किस तरह बिताई यातनामय ज़िन्दगी
अंडमान निकोबार की धरती का जल ‘काला पानी’ क्यों कहलाया?
उन्हें मिल सके इस सवाल का जवाब।

सेलुलर जेल!
तुम्हें इसलिए सुरक्षित रखा गया है
कि बीते कल के इतिहास से सनी तुम्हारी दीवारों में
प्रांगण और कोठरियों के धरातल पर
गुलामी के विरुद्ध बगावत का बिगुल बजाने वालों के जज़्बे
और घुटन की गंध को सूंघा जा सके
दफ़्न हो गए स्वतंत्रता सेनानियों के
हवा में खो गए सपनों को महसूस किया जा सके।

सेलुलर जेल!
तुम हमारे लिए इसलिए राष्ट्रीय धरोहर हो
कि तुम्हारे भवन की योजना को देख-पढ़ कर
हम अंग्रेज़ों की कुत्सित मानसिकता
उनके घिनौने शासन-तंत्र
और देश के गद्दारों की फेहरिस्त को पढ़ सकें।

No comments:

Post a Comment