Wednesday, 14 March 2012

शिखर


शिखर पर जाने के लिए
सघन वनों से होकर गुजरना होता है
जाने वाला भटक जाता है
वापस नहीं आ पाता/हिंसक जीवों का हो जाता है  शिकार
आदि मानव ने
अपने अंशजों के कुछ छुटपुट प्रयासों के बारे में बताते हुए
शिखर पर जाने वाले पहले हठी युवक को समझाया
हठी युवक नहीं माना
प्रयत्न कर उसने पत्थरों को घिसा/नुकीला बनाया
और उन्हें लेकर चल दिया शिखर पर जाने के लिए।

शिखर पर जाने के लिए
दुर्गम जंगलों, नदी-नालों और समुद्रों से होकर गुजरना होता है
जाने वाला भटक जाता है
वापस नहीं आ पाता/विशालकाय हिंसक जानवरों
और जलचरों का हो जाता है शिकार
नदी-नालों में डूब जाता है
आदिवासियों के बुजुर्ग रहनुमा ने
नई पीढ़ी के हठी युवाओं को बार-बार समझाया
शिखर पर गए पिछले हठी युवाओं के असफल प्रयासों के बारे में बताया
किन्तु किसी हठी युवक ने बुजुर्ग की बात नहीं मानी
किसी ने प्रयत्न कर पेड़-पौधों की छाल से
तो किसी ने मरे हुए जीव-जन्तुओं की खाल से
रस्सियां बनाईं
हथियार के रूप में पेड़ की मजबूत शाखों को नुकीला किया
पिछले हठियों के अनुभवों को साथ लिया
और चले गये अलग-अलग दिशाओं में
शिखर पर जाने के लिए।

शिखर पर जाने के लिए
अंधी गुफाओं, खाइयों और गह्वरों से होकर गुजरना होता है
जाने वाले भटक जाते हैं
वापस नहीं आ पाते/अंधेरों में खो जाते हैं
विषैले जीव-जन्तुओं का हो जाते हैं शिकार
आदिवासी समूहों के मुखिया ने
शिखर पर जाने का हठ करने वाले युवाओं को समझाया
शिखर पर गए पिछले युवाओं के असफल प्रयासों के बारे में बताया
हठी युवकों में से किसी ने उसकी सीखों को नहीं माना
किसी ने प्रयत्न कर ढूंढ़ लिया चकमक पत्थर
किसी ने खोद-खोदकर तलाश लिया लोहा और बना लिए धारदार हथियार
और चले गए अलग-अलग दिशाओं में
पिछले हठियों के अनुभवों को साथ लेकर
शिखर पर जाने के लिए।

शिखर पर जाने के लिए
हिमाच्छादित वादियों से गुजरना होता है
जाने वाले भटक जाते हैं
लौटकर नहीं आ पाते/दब जाते हैं शिलाओं या हिमखंडों में
बन जाते हैं पत्थर या बर्फ
आदिवासी कबीले के सरदार ने
शिखर पर जाने की हठ करने वाले युवाओं को समझाया
कबीले के सहस्रों हठी युवाओं के असफल प्रयासों के बारे में बताया
किन्तु किसी हठी युवक ने सरदार की बातों पर ध्यान नहीं दिया
किसी ने प्रयत्न करके पशुओं की खालों को कवच-वस्त्रों में बदला
किसी ने धारदार हथियारों का रूप बदला
और पिछले हठियों के अनुभवों को अपने साथ रख
चले गए अलग-अलग दिशाओं में
शिखर पर जाने के लिए।

शिखर को पाने के लिए जिंदा रहना जरूरी है
जिंदा रहने के लिए जरूरी है
मौसम की मार से/जीव-जन्तुओं से
सुरक्षित रहना
सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है घर
घर, जिसमें आपातकाल के लिए हो भोजन का भंडार
भडार, जिसके लिए जरूरी है उत्पादन
उत्पादन, जिसके लिए जरूरी है प्रकृति का संतुलित दोहन
प्रकृति के संतुलित दोहन के लिए जरूरी है सामूहिक अभियान
सामूहिक अभियान के लिए जरूरी है अस्त्र-शस्त्रों का संग्रह
अस्त्र-शस्त्रों के संग्रह के लिए जरूरी है यंत्र-तंत्र-मंत्र की साधना
(यंत्र यानी मशीन, तंत्र यानी योजना, मंत्र यानी विषय संबंधी ज्ञान)
इन तीनों की साधना के लिए जरूरी है समाज
समाज के लिए जरूरी है एकता
एकता के लिए जरूरी है विश्वास
विश्वास के लिए जरूरी है प्रेम
प्रेम के लिए जरूरी है त्याग और समर्पण
आदिवासी कबीले के मुखिया ने
शिखर पर जाने वाले हठी युवकों को समझाया
पहले गए सहस्रों हठी युवकों के असफल प्रयासों  के बारे में बताया
हठी युवकों को बात कुछ-कुछ जंची
किन्तु संशय के बादल भी घुमड़ते रहे उनके मस्तिष्क में
प्रधान मुखिया के सामने प्रश्न खड़ा किया हठी युवकों ने
तब श्रेय किसे मिलेगा शिखर पर जाने का?
मुखिया सरदार ने समझाया उन हठियों को
शिखर एक नहीं, अनगिनत हैं!
हर क्षेत्र में हैं शिखर
हर दिशा में हैं शिखर
शिखर के पीछे हैं शिखर
सभी शिखरों को छू नहीं सकता कोई भी एक
शिखर खत्म नहीं होते
और-और नए बनते जाते हैं शिखर
जिंदा रहेगी युवा शक्ति
जिंदा रहेगी उनमें त्याग, समर्पण और दृढ़ता की भावना
तो जगमगाएंगे घर और समाज
शिखर स्वयं चलकर आएंगे युवाओं के पास
हठी युवाओं ने मुखिया सरदार की बात मान ली
उस दिन से शिखर खुद चलकर आते हैं निश्चयी युवाओं के पास।

No comments:

Post a Comment