Friday, 23 March 2012

आरक्षण का दैत्य


समाज कल्याण के नाम पर राजनीति ने
आरक्षण नहीं, शिगूफे बांटे हैं
यह आरक्षण ए वर्ग/वह आरक्षण बी वर्ग
इधर अल्पसंख्यकों का आरक्षण/उधर मुफलिसों का आरक्षण
आरक्षण की मरीचिका से मोहित
अब तो फले-फूले समाज से भी
उठने लगी है आरक्षण की मांग
जाट मांगते हैं आरक्षण
मुस्लिम मांगते हैं आरक्षण
यादव मांगते हैं आरक्षण
राजपूत मांगते हैं आरक्षण
पंडित मांगते हैं आरक्षण
बिखर रहा है समाज
झिंझोड़ रहा है यह यक्ष प्रश्न
क्या होगा इस आरक्षण के दैत्य का?
राजनीति खत्म करेगी इस दैत्य को
या भस्मासुर की तरह खुद ही भस्म हो जाएगा यह!

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