प्यार, दुलार, त्याग
ममता का समंदर
अश्रु, नमन और स्मृतियों का संभरण
संस्कारों का दर्पण हैं बेटियां
कुदरत की सौगात हैं बेटियां।
बेटियां परायी हो जाने पर भी महमहाती हैं घर-आंगन और स्मृतियों में
वे करुणा हैं
विछोह की वरुणा हैं
हर बेटी नई देहरी-आंगन और आकाश पाकर
भीगे कंठ और शब्दों को मधु में पगाकर
सजाती हैं सुनहरे सपने
सतरंगी प्रकाश के
सुरभित वातास के
दुनियावी रणभेरी के
जीवन की चकफेरी के
घर में अजस्र हंसी की उजास होती हैं बेटियां
कुदरत की सौगात होती हैं बेटियां।
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